जनरल विपिन रावत - उत्तराखंड से शुरू करके भारत के पहले CDS बनने की मोटिवेशनल गाथा।
जनरल विपिन रावत इंडियन आर्मी के २७वे सेना अध्यक्ष थे जिन्होंने थल सेना के अध्यक्ष के रूप में अपना पद ग्रहण किया था इससे पहले ये सेना के उपाध्यक्ष भी रह चुके है। इनका जन्म उत्तराखंड में एक राजपूत परिवार में हुआ था। इनको इंडियन आर्मी में जाने की प्रेरणा अपने ही परिवार से मिली थी क्युकी इनके पिता एल एस रावत इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट जनरल की पोस्ट पर थे। इनका सारा बचपन फौजियों के बीच में ही निकला। इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा देहरादून और शिमला से की थी। अपने पिता को देखते हुए जनरल विपिन रावत के मन में देश प्रेम की भावना बचपन से ही थी। अपनी मेहनत और लगन से जनरल बिपिन रावत ने इंडियन आर्मी में अपनी जगह बनायीं और अपने अब्बल परफॉरमेंस की वजह से सोर्ड ऑफ़ ओनर का सम्मान भी प्राप्त किया। सोर्ड ऑफ़ ओनर एक ऐसा सम्मान है जिसे पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती क्युकी ये सम्मान उसी को दिया जाता है जो अपने बैच में सबसे अब्बल होता है और जनरल विपिन रावत उनमे से एक थे। इन्होने हायर डिफेन्स की पढ़ाई अमेरिका में जाकर की जहाँ इन्होने डिफेन्स सर्विसेज स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और अपनी कमांड नॉलेज को बढ़ाने के लिए हायर कमांड कोर्स भी किया इन्होने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेन्स स्टडीज में एमफिल की डिग्री और मैनेजमेंट एन्ड कंप्यूटर स्टडीस में डिप्लोमा भी हासिल किया। विपिन रावत को चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्ट्रेट की उपाधि भी प्राप्त हुई।
अब बात करते है इनके मिलिटरी करियर की तो १५ दिसंबर १९७८ को इन्हे सेना के उसी बटालियन में शामिल किया गया जिसमे इनके पिता भी रह चुके है। इस बटालियन में रहते हुए इन्होने कई बड़ी लड़ाईओं और ऑपरेशन्स में हिस्सा लिया और अहम् किरदार निभाया जिससे इन्हे युद्ध की डिफेन्स व् आक्रामक नीतियां बनाने का लम्बा अनुभव मिला। इन्होने अपने करियर में कई अलग अलग बाटलियनो में काम किया जिसकी वजह से इनका अनुभव बहुत वर्सेटाइल था। चाहे बात लाइन ऑफ़ एक्चुअल कण्ट्रोल की हो या कश्मीर की हर जगह इन्होने कई ऑपेऱशनो में अहम् भूमिका निभाई। अपनी बेहतरीन लीडरशिप स्किल और हाई लेवल वॉर पालिसी में परफेक्ट होने के कारण इन्हे यु एस मिशनों में भी काम करने का मौका मिला जहाँ उन्होंने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो के ब्रिगेड में काम करते हुए ७००० लोगों की जान को बचाया व् शान्ति स्थापित करने में अपना महत्त्वपुर्ण योगदान दिया। इन्हे इनकी बेहतरीन युद्ध की रणनीति और अदम्य साहस के लिए उत्तम युद्ध सेवा मैडल, अति विशष्ट सेवा मैडल, युद्ध सेवा मैडल और कई उच्च स्तरीय मेडलों से सम्मानित किया गया। २०१७ में इनको इंडियन आर्मी का नया चीफ चुना गया और १ जनवरी २०२० में विपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बने इनका जीवन देश के युवाओं को सदा प्रेरणा देता रहेगा।
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