कुछ लापरवाह लोगो कि वजह से जा सकती है कई लोगो की जान ।
आज कोरोना नामक संक्रमण से पूरा विश्व कंपन कर रहा है आज बेशक़ हमने चाँद पर पहुँचनी तक की जीत पाली है , एड्स और कैंसर जैसी मृतियुदायनी बीमारीओं का तोड़ अपनी अथक पर्यास के बल पर ढूंड डाला हो पर दुर्भाग्य ये रहा है की जब बात यदि आती है कोरोना नामक विषाणु को वश में करने की तो आज हम सब कही न कही खुद को लाचार स्तिथि में देख रहे है। जी हाँ ये एक कड़वा सच ही तो है जहा हम चाँद पैर पानी ढूंढ़ने तक की हिम्मत रखते है तो एक छोटे से विषाणु ने क्यो पूरी विश्व को डरा के रख दिया है क्यो भारत सहित विश्व के महान देश कही ज़्यादा भयावक स्तिथि में दिखलाई पड़ रहे है। कोरोना महामारी की चपेट में आए कई लोग रोज़ाना मृत्यु दर का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है । क्या कुछ नहीं कर रहा है इंसान देश दुनिया भर के महान वैज्ञानिक सब कुछ तो जतन हो रहे है इस संक्रमण को दूर करनी की आस में डॉक्टकर्स और बड़ी से बड़ी विश्वव्यापी मेडिकल रिसर्च के माध्यम से वैज्ञानिक अभी तक इस कोरोना नामक संक्रमण को मात देने में कई आविष्कारों के बावजूद स्तिथि जीओ की तइओ ही दिखलाई दे रही है आखिर कहा चूक हो रही है क्यो कोइ रास्ता नहीं दिख रहा है!
अभी तक इस मृतियुदायनी महामारी का कोई सुनिश्चित और सफल इलाज खोजने में अभी तक कब तक ये मौत का खेल चलता रहैगा क्या मान ले यही है दुनिया के अन्त की शुरुआत! इन सारी सवालों का जवाब है उम्मीद जो सरकार को उसकी जनता जनार्दन से है के इस बयावक हाल में आप अपना आपा न खोय समझदारी दिखावै एक साथ सामना करे एक जुट रहे हम सब तो फिर ये कोरोना महामारी हो या कोई औऱ आपदा हल और समाधान तो हम जरूर ही ढूंढ कर निकलेंगे ।
हमारी सरकार आय दिन लड़ रही है हमारी सुरक्षा के लिए आम जनता के बचाव को लेकर रोज़ाना वही दूसरी और हम क्या कर रहे है लॉक डाउन के नियमो को तोड़ हर दूसरी तिसराय के संपर्क में आ रहे है चोराहो पर गुट बना के बिना मुहु को धकय हुए देश की सरकार को अँगूठा दिखाते हुए रोज़ सरकारी नियमों और आदेशों की धज्जिया उड़ा रहे है, क्यो आखिर क्यो कर राहे है हम सब ऐसा जबकि देश की इतनी नाज़ुक हालत बानी हुई है।
इंसानियत कहा खो गई है, अपनी परवा नहीं परिवार की परवा नहीं समाज की परवा नहीं क्या हो गया है हमको सड़को पर थूकना सुरक्षाकर्मियों पर पथराव सरकारी डॉक्टर्स के साथ बदसलूखी क्या कोई इंसानियत बची नहीं हमारे भीतर आर्य जानवर भी सफाई पसंद होता है खुद की जुभा से खुद को साफ़ रखता है जगह जगह गंदगी नहीं फैलता ना ही अपने दाता के ख़िलाफ़ जने की जुर्रत करता है, तो हे इन्सान आज नहीं सुधरा तो कल मौका नहीं मिलेगा । मदद नहीं कर सकते ऐसे लोग तो सरकार का सर दर्द भी तो न बनय इन सबसे कुछ हासिल नहीं होगा बस बेकसूरों को तंग कर के खुद का ही नुक्सान कर बेठगा । अफ़सोस होता है लोगो की ऐसी हरकते देख कर।
सभी देशवासिओ से ये अपील है के इस भयानक हाल में आप सभी का सहयोग बेहद जरुरी है ऐसे अंध्कार में दीप आप सभी देशवासिओ से निवेदन है के इस विषम संकट में देश और देशवासिओ का साथ देना ।
कमल शर्मा
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