दिल्ली दंगों का सच क्या है??
प्रधान संपादक करुणेश शर्मा
केंद्र में शासन करने वाली नरेंद्र मोदी की सरकार ने कश्मीर समस्या का समाधान करके ना सिर्फ आतंकवाद की कमर तोड़ दी बल्कि पाकिस्तान के एवं पाकिस्तान परस्त नेताओं के मंसूबों पर पानी फेरते हुए कश्मीर में अमर शांति कायम कर एक मिसाल कायम की इसके पश्चात कश्मीर में हर एक आतंकवादी को चुन चुन कर भारतीय सेना मौत के घाट उतार रही है इससे सारा देश एक राहत महसूस कर रहा है बेशक यह आतंकवाद के खात्मे की दिशा में एक ठोस व गंभीर कदम है जो स्वागत योग्य है.
मोदी सरकार गंभीर मसलों पर बड़ी तेजी से निर्णय लेकर देश को सही दिशा में ले जा रही है किंतु विपक्ष के रोड़े व पाकिस्तान के मंसूबे उसको कामयाब होने में रोड़े अटका रहे हैं विशेषकर कांग्रेस की भूमिका इस मामले में बहुत ही निंदनीय रही है कांग्रेस पार्टी का यह कदम जनता की नजर में बेहद गलत नजर आ रहा है इससे कांग्रेसका ग्राफ और नीचे जा रहा है यही कारण है कि दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली.
हाल ही में मोदी सरकार ने सी ए ए लागू कर पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के लिए वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा किया पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों की वर्षों पुरानी मांग को मोदी सरकार ने संसद के दोनों सदनों में बहुमत के साथ पारित किया कांग्रेश के विरोध का कारण जनता की समझ से परे है ऐसा लगता है की कांग्रेश मुस्लिम तुष्टिकरण की दिशा में हद से ज्यादा आगे बढ़कर अपनी बची हुई जमीन को नेस्तनाबूद करने में लगी हुई है सीए के लागू होने के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने संबंधी नियम का रास्ता साफ हो चुका है किंतु इसी समय पाकिस्तान ने व पाकिस्तान परस्त नेताओं ने शाहीन बाग में एक आंदोलन चलाकर देश में एक अराजकता का अराजकता का माहौल तैयार कर दिया शाहीन बाद में बैठने वाली महिलाओं को यह बताया गया कि आप की नागरिकता छीनी जा रही है इसी गलतफहमी में महिलाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया केंद्रीय सरकार ने इस दिशा में प्रचार प्रसार के माध्यम से यह बताया कि सी ए ए ए किसी की नागरिकता सीने का कोई प्रावधान नहीं है यह नागरिकता देने का कानून है वह भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को इस एक्ट से डरने की आवश्यकता नहीं है सही मायने में दिल्ली दंगों की पृष्ठभूमि शाहीन बाग से ही प्रारंभ हो चुकी थी शाहीन बाग आंदोलन के दौरान पाकिस्तान वह कुछ पार्टियों की मदद से दंगों का प्लान तैयार किया जा चुका था.
दिल्ली में 3 दिन तक बाहरी दंगों का बोलबाला रहा जिसमें लगभग 41 व्यक्तियों ने अपनी जान गवाई व कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों को जनता ने नुकसान पहुंचाया पुलिस का 3 दिन तक बिल्कुल चुप रहना एक विचारणीय प्रश्न है दिल्ली 3 दिन तक दंगों में जलती रही ऐसा लगता था कि दिल्ली में पुलिस नाम की कोई चीज है या नहीं.
सूत्रों के हवाले से खबर है की पाकिस्तान ने कुचक्र चलाकर आंदोलन की पृष्ठभूमि को तैयार किया इस आंदोलन को एक बड़ा आंदोलन बनाकर दिल्ली को अशांत करने का प्लान पाकिस्तान ने बनाया क्योंकि कश्मीर से पाकिस्तान के नापाक प्लान का सफाया किया जा चुका है किंतु 3 दिन के बाद दिल्ली पुलिस ने बहुत ही शानदार तरीके से दंगाइयों को धरपकड़ शुरू कर दी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुख्य अभियुक्त ताहिर खान एवं शाहरुख खान की गिरफ्तारी इस दिशा में कही जा सकती है हालांकि दिल्ली पुलिस ने भी अपने जवानों की शहादत दी आईबी अधिकारी अंकित शर्मा को भी शहीद होना पड़ा दिल्ली पुलिस इस दिशा में बहुत ही बारीकी से दंगाइयों की धरपकड़ करने में जुट गई है उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दंगाइयों से निपटने की वह दंगाई द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करने के लिए पुलिस ने प्रयास शुरू कर दिए हैं हालांकि आज की समय में दिल्ली में पूर्ण शांति है अगर दिल्ली पुलिस ने दंगे को बंद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है वह पाकिस्तान के सेकंड प्लान को लागू करने से पहले ही उसका पटाक्षेप कर दिया है इसी दिशा में ओखला से जहां जीव सामी पवन की पत्नी हिना बशीर की गिरफ्तारी की जा चुकी है उक्त दोनों को पुलिस ने आईएसआईएस का एजेंट बताया है व पुलिस इन्वेस्टिगेशन में लगी हुई है इसी प्रकार दिल्ली शहर में बहुत व्यापक स्तर पर दंगाइयों की धरपकड़ शुरू कर दी है हालांकि इस दंगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आम आदमी पार्टी वह कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं जिनकी जांच इंटेलिजेंस व पुलिस बारीकी से कर रही है आने वाले समय में कई बड़ी-बड़ी गिरफ्तारी ओं होने का अंदेशा है दिल्ली को दहलाने के लिए पाकिस्तान ने जो षड्यंत्र रचा था उसका पटाक्षेप दिल्ली पुलिस ने कर दिया है आने वाले समय में गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री मोदी कोई बढ़ावा ठोस कदम उठाएंगे ऐसी उम्मीद है.
प्रधान संपादक करुणेश शर्मा.
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